Monday, August 30, 2010

विचित्र देश है हिंदुस्तान यंहा पर हिन्दुस्तानी नहीं रहते ,रहतें हैं तो केवल पंजाबी ,गुजराती , मराठी ,बंगाली.मलयाली ,दलित ,मुस्लिम ,ईसाई,सिख,बिहारी, वगेरह जी हाँ आपको इस देश में कुछ भी करना है तो आपको किसी न किसी कोटे में होना पड़ेगा अगर आप सामान्य हिन्दुस्तानी हैं तो आप सबसे पीछे खडें हैं, सब कोटे भर जाने के बाद आपकी तरफ ध्यान दिया जायेगा ...कभी कभी लगता है कि क्या सामान्य होना एक अपराध है ...इस सब में सबसे हैरानी की बात तो ये है कि ये सब कानूनी मान्यता प्राप्त हैं, क्यों नहीं इस देश में सब के लिए एक ही कानून है ...योग्यता ही क्यों न एकमात्र पैमाना हो ...जब स्कूल ,कोलेज में दाखिले के समय से ही कोटे के आधार पर दाखिला होता हो तब ये उम्मीद रखना कि देश में आने वाली पीढ़ी समझदार होगी, कितनी समझदारी है .... क्योंकि हम बच्चों को ये ही तो सिखा रहें चिंता न करो कोटा है सुरक्षित तुम्हारे लिए... योग्य न भी हुए तो कोई बात नहीं ....

1 comment:

Rahul Singh said...

बहुत अच्‍छा लगा. मैंने कल एक पोस्‍ट akaltara.blogspot.com पर डाला है 'रंगरेजी देस', आशा है आपको पसंद आएगा.