वो व्यापारी
ये दलाल
हम
मजदूर किसान
(किसान बचे हैं क्या ? क्योंकि वर्तमान परिस्थितयों मे वो बचे रहें ये भी किसी अजूबे से कम नही वरना रास्ते सभी खुले हैं उनके मरने या मार देने के... )
सिर्फ़ ग्राहक
उपभोग्ता मात्र उपभोग्ता
आज़ाद हिंदुस्तान
Saturday, December 12, 2009
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