Monday, December 14, 2009
रोज़ आन्दोलन ...कभी तेलंगाना के लिए कभी मराठियों के लिए कभी कश्मीर के लिए कभी गुजरात के लिए ,कभी पूर्वांचल के लिए कभी उतरांचल के लिए कभी मंदिर के लिए कभी मस्जिद के लिए ,कभी कांग्रेस के लिए कभी बीजेपी के लिए तो कभी समाजवादियों के लिए तो कभी दलितों के लिए या फिर कभी कम्यूनिस्टों के लिए कभी इस प्रान्त के लिए तो कभी उस प्रान्त के लिए कभी इस धर्म के लिए तो कभी उस धर्म के लिए अलग -अलग पार्टियाँ अलग -अलग मुद्दे, आन्दोलन ही आन्दोलन ...एक बार मिल तो ले ,और महगाई बढती ही जा रही है किसी गरीब की कन्या की तरह दिन दूनी रात चोगनी , आम आदमी के लिए जीना महंगा और मौत सस्ती.... पर न कोई आन्दोलन ना ही कोई विरोध .....हे ना अजूबा ....
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