Saturday, March 6, 2010

काश बड़े भी बच्चे होते /कुछ सिम्पल कुछ सच्चे होते /प्यारे -प्यारे बंधन होते /रिश्ते यूँ ना कुछ कच्चे होते /लफड़े तब भी होते ,लेकिन लफड़े भी कुछ अच्छे होते /दुनिया कितनी अच्छी होती /अगर यंहा बस बच्चे होते .............

एक गीत मेरे बच्चों के लिए किये पुराने नाटक से .....

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